अमृतपाल सिंह अभी भी फरार, चाचा और ड्राइवर ने किया सरेंडर, जानिए सर्च ऑपरेशन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

हालांकि, उसके समर्थकों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया जा चुका है. सोमवार को ही अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया है. मर्सिडीज कार में बैठकर ये दोनों लोग शाहकोट के उसी गुरुद्वारा के पास पुलिस के सामने पेश हुए जहां शनिवार को पुलिस का जमावड़ा था. आइए जानते हैं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के मामले से जुड़ी 10 बातें...

सोमवार को अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. ये लोग अमृतपाल की कार में बैठकर सरेंडर करने पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक, अमृतपाल के साथ ये दोनों लोग भी इसी मर्सिडीज कार से भागे थे. कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह भी पुलिस के सामने पेश हो सकता है. DIG स्तर के एक अधिकारी अमृतपाल के सरेंडर के लिए उसके चाचा हरजीत सिंह से बातचीत कर रहे हैं. हरजीत सिंह से एक 32 बोर की पिस्टल और एक लाख रुपए बरामद हुए हैं.

केंद्रीय एजेंसियां ये जांच में जुटी हैं कि दुबई से सीधे पंजाब आने की बजाय अमृतपाल जॉर्जिया क्यों गया था? सुरक्षा एजेंसियों पड़ताल कर रही है कि कहीं उसके जॉर्जिया जाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का हाथ तो नहीं है. जो उसे ट्रेनिंग देने के लिए जॉर्जिया ले गई. अमृतपाल के ISI कनेक्शन की जांच भी तेजी से की जा रही है.

खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के नेटवर्क का मुख्य फाइनेंसर दलजीत कलसी पंजाब पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस दलजीत से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा और हथियारों को जुटाने की जिम्मेदारी दलजीत कलसी पर ही थी. सूत्रों के मुताबिक, दलजीत कलसी ने बीते तीन सालों में अमृतपाल सिंह के वारिस पंजाब दे के लिए 30 करोड़ से ज्यादा रुपये जुटाए. 

दावा किया जा रहा है कि दलजीत कलसी के पाकिस्तानी लोगों से भी संबंध हैं. उसके टेलीफोन रिकॉर्ड्स में पाकिस्तान से जुड़े 20 फोन नंबर सामने आए हैं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि इनमें से कुछ नंबर पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के हो सकते हैं.

अमृतपाल सिंह के गांव जल्लूपुरखेड़ा के चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात है. अलगाववादी नेता के छिपने के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पंजाब के कई इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है. 

पंजाब पुलिस के मुताबिक अब तक अमतृपाल सिंह के 112 करीबियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनके कब्जे से बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए हैं. पुलिस के अनुसार, इन लोगों के पास हथियारों का कोई लाइसेंस नहीं था. पुलिस ने 12 बोर की 6 बंदूकों के साथ 193 गोलियां जब्त की हैं.

वारिस पंजाब दे के एक लीगल एडवाइजर ने दावा किया है कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. वकील ने ये भी कहा कि पुलिस अलगाववादी नेता का फर्जी एनकाउंटर कर सकती है. इस स्थिति से बचने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की एक याचिका लगाई गई है.

वहीं, पुलिस का कहना है कि अमृतपाल सिंह अभी भी फरार चल रहा है और उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं. अमृतपाल को पकड़ने के लिए उसके हर संभावित ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमृतपाल सिंह की धरपकड़ के लिए 15 दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की बड़ी बैठक हुई थी. जिसमें तय किया गया था कि अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद संभावित परेशानियों से बचने के लिए पहले से ही उपाय कर लिए जाएं. साथ ही इस बैठक में ये भी कहा गया कि वारिस पंजाब दे के चीफ के करीबियों को गिरफ्तार कर पूर्वोत्तर या दक्षिणी राज्यों की जेलों में भेज दिया जाए.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार के हथियारों के लाइसेंस रिव्यू करने के फैसले के खिलाफ अमृतपाल सिंह ने लोगों को जमकर भड़काया था. सरकार के इस फैसले की तुलना हिटलर के फैसले से करते हुए उसने कहा था कि जर्मनी में भी इसी तरह यहूदियों से पहले हथियार छीने गए थे और फिर उनका कत्ल कर दिया गया था.

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